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अग्रवाल समाज द्वारा सावन हरियाली तीज महोत्सव का हुआ आयोजन, महिलाओं ने एक दूसरे को झुलाया झूला, नाच-गाकर की मस्ती, अगल-अलग प्रतियोगिताओं में जीते गिफ्ट

सुरेन्द्र दुबे डिस्टिक हेड  धार।अग्रवाल समाज धार द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी सावन की हरियाली तीज पर मेला और उत्सव मनाया गया।अग्रवाल समाज धार की ओर से सावन हरियाली तीज मेला महोत्सव 2025 का आयोजन रविवार को जेएमडी पैलेस में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत समाज अध्यक्ष योगेश अग्रवाल सहित कार्यकारणी सदस्यों ने दीप प्रज्वलन व महाराजा अग्रसेन जी का पूजन अर्चना के साथ महाराजा अग्रसेनजी के जयकारों के साथ किया।जिसके बाद डीआरपी लाईन पर पर्यावरण जागरुकता एवं समाजिक एकता का परिचय दे कर पौधारोपण किया गया इस दौरान समाजजनों ने उत्साह के साथ हिस्सेदारी करते हुए हरियाली तीज पर पर्यावरण संरक्षित करने का संदेश दिया।तीज महोत्सव में महिलाओं ने रंगीलो सावण आयो रे सुरंगों सावण आयो .. आयी आयी सावनीये री तीज… गीत के साथ सावन की हरियाली तीज के अवसर पर गीतों पर सांस्कृतिक नृत्य किया। उत्सव के दौरान झूले लगाये गये। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने एक-दूसरे को झूला झुलाया। संगीत और नृत्य ने आयोजन में चार-चांद लगा दिए। समाज की महिलाओं ने सावन के लोकगीत गाकर उत्सव के माहौल को खुशनुमा बना दिया। जिसके बाद अग्रवाल समाज धार की महिला कार्यकारिणी सदस्य बबिता अग्रवाल,संतोष गुप्ता,शीतल अग्रवाल, दीप्ति अग्रवाल, प्रतिभा गोयल, अर्चना अग्रवाल, शीतल अग्रवाल, बरखा अग्रवाल, श्वेता अग्रवाल, रीना गोयल, मधु अग्रवाल द्वारा तीज उत्सव की थीम पर समाज की महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए प्रतियोगिता आयोजित की।जिसमें समाज की महिलाओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

समाज द्वारा मेले में विभिन्न तरह के भुट्टे,भेल,खस्ता,साबूदाना खिचड़ी,पानी पताशे,सहित कई अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टाल सहित महिलाओं बालिकाओं के लिये झूले, सेल्फी प्वाइंट व छोटे बच्चों के लिए अन्य झूले लगाये गए।समाज की बालिकाओं व महिलाओं द्वारा शॉपिंग मेले में हाथों से बनाई गई वस्तुओं सहित अन्य दुकाने भी लगाई गई।

महिला मंडल ने बताया कि तीज हमारी संस्कृति का अह्म हिस्सा है। हरियाली तीज हमें बचपन की याद दिलाती है। जब परिवार की महिलाओं के साथ तीज पर झूले झुलते थे। तीज पर आयोजित कार्यक्रम हमारे लिए बेहद खास होता है। यह हमारी संस्कृति का परिचायक है। कार्यक्रम के माध्यम से हम अपनी संस्कृति से जुड़ते हैं। महिलाओं ने बताया कि आज बागों में झूले नहीं लगते हैं। वक्त के साथ भले ही त्यौहारों में बदलाव आया है। महिलाओं की आपसी एकता का परिणाम है कि अग्रवाल समाज आज भी अपनी संस्कृति को बनाए रखे हुए है। हरियाली तीज को लेकर समाज की महिलाओं में हमेशा उत्साह रहता है।उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी राहुल अग्रवाल एवं श्याम मंगल ने दी।

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